Sunday, June 5, 2011

आओ करो उद्घोष सभी !!



 नौजवानों हिन्दुस्तां  के , ले लो प्रण देश बचाने की 
भ्रस्टाचार के आतंक को, आज जड़ से मिटाने की !!

लाल बहादुर बोस तिलक गाँधी ताक पे हैं अब 
तुम्हे फिकर है अब भी ,अपने ही आबदाने की !!

खून तुम्हारा नहीं खौलता देख खौफ का मंज़र 
इंतज़ार है क्या अब ,खुद का ज़नाज़ा  सजाने की !!

कुर्बानी देकर बिस्मिल ने आज़ादी तुमको दिलवाई  
रईसी में तुम्हे मगर ,है तलाश  महफूज़ ठिकाने की  !!

दुश्मन सीमा पर गोले बरसाते ,यहाँ तुम बिक जाते हो 
कब सोचेगे ए काफिर तुम ,शहीदों का क़र्ज़ चुकाने की !!

खूब जिया है अपने खातिर ,इस देश की माटी पर 
आओ करो उद्घोष सभी ,हिन्दुस्तां को स्वर्ग बनाने की !!

Tuesday, May 3, 2011

काश वो सफ़ेद चादर पिघल जाए !

स्वयं के अंतर्ध्वनि को सुनता हूँ 
उसे परखता हूँ..
चले जाता हूँ बहुत दूर ..
एक भय सा लगता है...

फिर हिम्मत करता हूँ
और उसका ही नाम 
लेता हूँ 
जिसका वो लेते हैं
जिनपर उनकी परम कृपा रहती है
जिनकी आस्था उनमे प्रगाढ़ है ...

और कर्म करने लगता हूँ 
एकांत में स्वयं से बाते करने लगता हूँ ...


कभी स्वयं ही 
एक चलचित्र का निर्माण करने लगता हूँ...


जिसमे सभी पात्र यथार्थ के ही होते हैं 
पर मेरे अंतर्मन से निकले ध्वनि पर अभिनय करते हैं ...

और अंत में अपने चलचित्र को स्वयं ही 
नकार देता हूँ 
और फिर 
शुरू होता है 
मानव बनने की प्रकिरिया 
जिसे शायद भूल गया था 
आधुनिकता के भंवर में 
और फिर एक विश्वास के साथ 
उच्चारण करता हूँ
की मैं कर सकता हूँ ...

मैं एक दीपक की बाती  बन सकता हूँ 
पर घृत भी मुझे ही 
डालना होगा दीप में 
की मैं रोज़ जल सकूं 
अपने समापन तक 
और दीपक की  उस लौ के ताप  से 
अपने समीप के 
सोये जनमानस को 
जगा सकूं 
कि वो 
आवाज़ दें 
अब और नहीं ...


और मिलकर इतना ताप उत्पन्न करे कि 
भ्रष्ट हुए लोग जो स्वयं को 
ढके हुए हैं सफ़ेद झूठ के 
बर्फ के चादर से 
और कहने को जग के कष्ट हर रहे हैं 
शीतलता पहुंचा कर ...

काश  वो  सफ़ेद चादर पिघल जाए और उनके अरमानो पर पानी फिर जाए...


निशांत  



Thursday, April 28, 2011

चींटी आवाज़ नहीं करती पर ...

चींटी आवाज़ नहीं करती 
और केकड़ो सी 
हसरत भी नहीं होती 

पर अपने मिटटी के ढेर से बने
घर से हमें शिल्पकार होने 
का एहसास करा देती है 

वर्षा आती है 
और फिर वो कुछ मरे हुए 
कुछ छोरे हुए को समेट
एक साथ मिलकर इस 
विपत्ति का सामना करती है  

हमें ढकने के लिए 
घर का मुंडेर मिल जाता है 

और हम अगले वर्षा का
इंतज़ार करते हैं
फिर से उस मुंडेर के निचे बैठ 
नाश्ता करते हुए 


और बिजली के कड़क से घबराकर 
घर के भीतर चले जाते हैं 
हमें वो आवाज़  
साफ़ सुनाई दे जाती है 


पर वो चींटियाँ 
अपने छोटे से जीवन काल में 
हमें बहुत कुछ बता जाती है 
अपने मूक आवाज़ से 
वर्षा की बूंदों से लरते हुए 

इस आवाज़ को सुनने 
में कई वर्षा आती हैं 
और जाती हैं 

एक चिंटी के लिए 
वो वर्षा की पहली बूँद 
एक सागर जैसा है 

और हमारे लिए मौसम 
बदलने और दिनचर्या बदलने 
का पैगाम......


Wednesday, April 27, 2011

मशाल जली रहेगी

अन्ना ,मशाल जली रहेगी तुम्हारी
अहिंसा संग  लड़ा वो 
चला था अकेला वो 
थे कुछ चंद ही साथ तब 
पर आवाज़ दिया उसने 
सब आये जो थे दबे दबे 
सत्य बोलने से डरे डरे 
भ्रस्टाचार से त्रस्त 
मैं  बढूँ,या तुम बढ़ो 
इस सिमित मानसिकता से ग्रस्त 

अपने मत के शक्ति को 
वे नहीं जानते थे 
सहनशीलता भारत की पहचान
वो यही जानते थे 

नोटों पर बापू थे 
पर उत्तीर्णता पहचान पत्र 
लेने  में भी ५०-६० देने पड़ जाते थे 
आवाज़ वहां 
वो  क्यों नहीं उठा पाते थे 

यही व्यवस्था है 
बस इसे जानकार
वो सब सह जाते थे 

कोई नहीं समझा था की 
वो एक विवशता थी 
वो गाँधी के देश में 
आज़ादी की विफलता थी 

वो गर उस समय ही 
एक हो जाते 
क्लास बंक करने से 
पहले ये थोडा समझ जाते 
की एकता में शक्ति है 
मिल कर आवाज़ दो 
विद्या के मंदिर में 
न भ्रस्टाचार का साथ दो 

तो इस अन्ना का सपना बहुत पहले 
पूरा हो पाता 
आज का नवयुवक 
जब सत्य की ताक़त को समझ जाता 

पर अब अन्ना ने पुकारा है 
तो देर न हम करेंगे 
मरने से पहले 
अब हम न मरेंगे 

आवाज़ दो ,हम एक है 
अन्ना ,हम आते हैं 
मशाल जली रहेगी तुम्हारी 
हम भी एक दीप जलाते हैं  

एकता में है बल 
...सत्यमेव जयते 

भ्रस्टाचार कैसे रोकें?----3


भ्रस्टाचार  पनपता है अत्यधिक सहनशीलता से भी | अन्याय का विरोध आवश्यक है पर इसके लिए समाज का साथ देना अति आवश्यक है | आदरणीय किरण बेदी जी ने भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध जो आवाज़ उठाई उसमे हम जनता और मीडिया का भी सहयोग रहा | मकसद ये होना  चाहिए की भ्रष्टाचार मन से दूर हो जाए | मन की मलिनता को दूर करने से आने वाली पीढ़ी भी सत्य और अमन के राह पर चलेगी |


घर में हो रहे पति पत्नी के मनमुटाव और झगडे का असर अपरिपक्व बच्चों पर भी पर सकता है और वो इनका अनुशरण करेंगे | अतः घर में एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण करना चाहिए |

हमें छोटे छोटे नियम जैसे विद्यालय प्रतिदिन जाना, गुरु जी के द्वारा दिए हुए गृह कार्यों को पूरा करना आदि का पालन करना चाहिए | कक्षाएं  बंक करने और इसे प्रेरित करने वालों को समझाना चाहिए  शिक्षा  का महत्त्व | बाद में नौकरी करने समय उन्हें छूट नहीं मिलेगी मनमानी की | अतः जीवन संघर्ष के लिए इन छोटी छोटी बातों को जरूर मानना चाहिए | एक दुसरे की मदद करनी चाहिए | जिससे सभी को मानसिक संबल मिलते रहे | 

पर्व त्यौहार के नाम पर चंदा लेकर देवी देवताओं का अपमान करने वालों का मिलकर विरोध करना चाहिए | आखिर सबके मन में ही इश्वर है | ऐसी घटनाएं आम हो गयी है की अमुक ऑटो चालक को पीटा   गया क्यूंकि उसने चंदा देने से मन कर दिया था | सरकार को ऐसे पूजा समितियों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए | ज़बरन वसूली कटाई बर्दाश्त नहीं होगी | पर्व त्यौहार में विसर्जन के दौरान बजने वाले अशलील गीतों को बंद कर देना चाहिए कानूनी नियम बनाकर |  दो गुटों के बीच लड़ाई हो जाती है विसर्जन के दौरान | पुलिस इसका ध्यान रखें  और हाकी  स्टिक ,तलवार ,आदि लाने पर शख्त  पाबंदी हो | 



सत्यमेव  जयते


भ्रस्टाचार कैसे रोकें? ----2


भ्रस्टाचार  का  एक  कारण  मजबूरी     भी  है  | नौकरी  न    मिलने   पर  गरीब  लोग   बहकावे में आ जाते हैं | सरकार को  तम्बाकू , सिगरेट  , शराब आदि पर कम निवेश कर के नौकरी मुहैय्या  करनी होगी उन्हें नहीं तो वे दलालों के झांसे में आ जाते हैं | 

कुछ चिकित्सक इस पावन पेशे को बदनाम करते रहते हैं | गरीबों का इलाज़ कम पैसों में किया जाना चाहिए | जरूरतमंदों के लिए अमीर तबके के लोग खुल कर सामने आयें | मंदिर में दान देने से अच्छा किसी की ज़िन्दगी बचानी होती है | एक ज़िन्दगी के सहारे पूरा परिवार जुड़ा होता है | 

ट्रेफिक नियम की धज्जियाँ उड़ाने वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जानी चाहिए पर साथ साथ ऐसे पुलिस  कर्मियों के विरोध में भी स्वर उठाई जानी चाहिए जो रिश्वत लेकर ट्रेफिक नियमों की धज्जियाँ उड़ाते रहते हैं ऑटो चालकों और बस ट्रक चालकों के आड़ में |

शिक्षा का प्रचार और प्रसार देश के हर कोने में होना चाहिए | भोले भले लोगों को उनके अधिकार के बारे में बताना चाहिए | ग्राम पंचायत के स्तर  पर ये कार्यवाही होनी चाहिए | सभी को उनके काम का उचित वेतन मिले | इसके लिए असाक्षरता का दूर होना अति आवश्यक है | 

काला बाजारी रोकने के लिए सरकार को एक तय सीमा से ज्यादा रासन आवंटन नहीं करना चाहिए और एक निश्चित समय सीमा तय कर देनी चाहिए | उसके बाद बचे हुए माल को वापस ले  लेना  चाहिए | इससे भ्रस्टाचार में थोड़ी कमी आएगी | 



सत्यमेव जयते --भारतीय एकता जिंदाबाद 


भ्रस्टाचार कैसे रोकें?---1


भ्रस्टाचार कैसे रोकें?
 इससे पहले ये अवगत होना आवश्यक है की इसका बीज कहाँ से उत्पन्न होता है |
माँ बच्चों को घर में शिक्षा देती है मन लगाकर पढो और पिता पढने में उसकी मदद करते हैं | विद्यालय में ये शिक्षा  दी जाती है की हमें अनुशाशन में रहना चाहिए | हमें बड़ों का सम्मान और छोटों  को स्नेह देना चाहिए | हमें प्रार्थना  करना सिखाया जाता है जिससे  हमारा  मन कलुषित विचारों से दूर रहे और हम अच्छे व्यवहारों को सीखे और सिखाएं  | परीक्षाएं ली जाती है जिसमे हम अपने मेहनत से उत्तीर्ण होते हैं  | अगर हर छात्र अपने पर विश्वास करे और मेहनत से अनुशाशन के साथ रहे और अपने गुरुओं की बातों को माने तो इस भ्रस्टाचार  का अंत इसके जन्म लेने से पहले ही हो जाए |

"भ्रष्टाचार के पापी बीज को हम पनपने न देंगे
 देश के दामन पर दाग हम लगने न देंगे 

कदाचार से मुक्त होगी परीक्षा 
आत्मनिर्भर बनने की इच्छा

मानसिक बल को अपने हम मरने न देंगे 
गलत दिशा में किसी को हम भटकने न देंगे "

कुछ बड़ा होने पर हम महाविद्यालयों में जाते हैं | वहाँ  अगर हम कदाचार मुक्त रहें और प्रमाण पत्र मांगे जाने के बदले में धन राशि लेने के धंधे का मिलकर विरोध करें तो ये भ्रस्टाचार युवकों के खून से बाहर   निकल जायेगी और देश का नव निर्माण हो सकेगा |

आज युवक अपने ज्ञान का दुरूपयोग कर रहे हैं | वो नए नए ठगने के तौर तरीके सिख कर दुसरे कमजोर छात्रों से पैसे लेकर परीक्षा में उनके बदले बैठते हैं और इससे मेधावी छात्रों का बहुत नुकसान  होता है, साथ ही देश के युवा खून भी मैले हो जाते हैं | आने वाली पीढ़ी क्या सीखेगी  ? इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अभियांत्रिकी का सहयोग लेना चाहिए | हस्त लिखित प्रमाण,अंगुली चिह्न लेना,विडियो बनाना आदि |
जिस दिन ऐसी परीक्षाएं होती हैं उसी दिन अगर महाविधायालयों में भी परीक्षा रख दी जाए तो और भी अच्छा रहेगा |

महाविधालय में प्रवेश करने से पहले छात्रों का पूरा परिचय ले लेना चाहिए |
बायोमेट्रिक  कार्ड को किसी भी परीक्षा देने समय लाना आवश्यक कर देना चाहिए|
और उसके सभी डाटा को परीक्षा केंद्र में समेटने के लिए तंत्र लगाया जाना चाहिए| भारत के अभियंता और वैज्ञानिक   ऐसा करने में सक्षम हैं | बस सरकार  और परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थान  अपना पूर्ण सहयोग दें |
जिनके पास बायोमेट्रिक कार्ड नहीं है उनंके ऊँगली चिन्ह या रेटिना को पहचान मान उनका डाटा समेट लेना चाहिए  | परीक्षा केन्द्रों परइसके लिए तंत्र लगाना चाहिए |  कुछ वक़्त जाया होगा पर मेधावी छात्रों और देश का नुकसान तो नहीं होगा |
अगर आभियांत्रिकी क्रांति से भ्रस्टाचार का समूल नाश हो सकता है तो थोड़ी परेशानी सही जा सकती है एक बेहतर भारत के लिए|

नेताओं को चुनने वक़्त हमें उनके द्वारा किये गए पिछले कार्यों पर ध्यान देना चाहिए और मत का प्रयोग सचेत होकर करना चाहिए 
अगर सरकार ठीक से वायदे नहीं निभा रही ही तब मीडिया , प्रेस , समाचार-पत्र , ब्लॉग आदि के माध्यम से उन्हें आगाह करता रहना चाहिए |

कहीं भी अगर रिश्वत मांगी जाए तो मिलकर इसका विरोध करनी चाहिए 
आखिर मेहनत से कमाते हैं रिश्वत क्यों दे और क्यों लें |
ये जान ले की कफ़न में जेब नहीं होता |

मूल्य से अधिक रुपये मांगे जाने पर इसका विरोध करें और उस दुकानदार से न ले सामान |
अगर वो  फिर भी नहीं माना तो इसका विरोध उपभोक्ता अदालत में करायें 
और बिल लेना न भूलें नहीं तो कानूनी कार्यवाही में अड़चन आ जायेगी |
जब भी हो पीड़ित का साथ दें | आवाज़ दे हम एक हैं |


मैनेजमेंट कोटा  के नाम पर लाखों लेने वाले  संस्थानों को बंद करवाने के लिए मुहीम छेड़ें | सम्पति का केन्द्रीयकरण रोकने  लिए प्रयास करें | ऐसे संस्थान मेधावी छात्रों को तो नौकरी लेने में अड़चन देते ही हैं और बड़ी बड़ी ज़मीन पर कब्ज़ा करके बैठे रहते हैं | रईसजादे दौलत के दम पर प्रवेश लेकर उनको बढ़ावा देते हैं | सरकार को इनके खिलाफ शख्त  कदम उठाना चाहिए |

कोचिंग  संस्थानों के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए |छात्रों का मानसिक विकास अवरुद्ध होता है | उनकी नैसर्गिकता का हनन होता है |

छात्र  भारत के उच्च संस्थानों से पढ़कर विदेश में नौकरी करने चले जाते हैं |
वो यहाँ रहकर अपने स्वच्छ  विचारधारा से  भ्रस्ट हो चुके नौकरशाही से   निजात दिलाने में अग्रिम भूमिका निभा सकते हैं | उन्हें अब आगे आना होगा तभी देश से भ्रष्टाचार का नाश होगा और अगर वो यहाँ आने में सक्षम नहीं हैं तो मीडिया ,ब्लॉग आदि के द्वारा भ्रस्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठायें | सब एक दीप जलाएं तो क्रांति की मशाल जली रहेगी | जय हिंद | 


जल्दी पाने के होड़ में हमें गलत तरीके नहीं अपनाना होगा | सिफारिश से ली गयी नौकरी से अच्छा है हम अपने दम पर आत्न्निर्भर बने और एक उदाहरण बने दूसरों के लिए  |

न्याय मिलने में यहाँ गवाह खरीद लिए जाते हैं | हमें फास्ट ट्रैक कोर्ट से गंभीर रूप से पीड़ितों के दुःख का निवारण करना होगा | ज़ुल्म करने वालों के विरुद्ध आवाज़ उठाना होगा |कलम से वाणी से या ज़रुरत पड़ी तो कटार   से भी हमें दुष्टों को सजा देना होगा |

हम भारत के न्यायालय   का सम्मान करते हैं लेकिन मानवीय मूल्य जिसपर भारत टिका हुआ है ,जिससे इसकी पहचान है पुरे जग में ,उसका सम्मान करना होगा नहीं तो क्रान्ति होगी 
कलम से |ये लाल बहादुर का देश है , ये वीर सुभाष चन्द्र बोस का देश है ,ये कलाम ,किरण बेदी और सबरीना लाल का देश है | हम सत्य की क्रांति से दुश्मन को थर्रा सकते हैं |न्याय के लिए पूरा भारत एक है |जिस जोश के साथ जवान अपनी बन्दूक चलाते है भारत माँ की लाज बचाने के लिए..उसी जूनून के साथ हम भी अपनी कलम से,अपने सत्य क्रांति से दुष्टों के नाक में दम कर देंगे ...

"
चला अकेला ही था  वो 
वो कलम का एक सिपाही था 

प्रेमचंद या हो दिनकर 
वो शब्द-क्रांति का एक प्रहरी था 

विपत्ति  आती है जब जब 
जीवन मद्धम हो जाता है 

कलमकार शब्दों से लड़ता 
हर युद्ध जीतता जाता है 

सोये जनमानस को भी 
एक राह वही दिखलाता है 

जागृति लाता है 
और युग बदल जाता है 

ओर्विन्दो ,दिनकर ,सुब्रमण्यम के 
शब्दों ने बिगुल विप्लव की  बजायी  थी 


बिस्मिल   ने भी शब्दों से ही 

वर्तानियों    की   नींद    उडाई    थी 

वक़्त ने ललकारा है फिर  कलम धरो   
 नौजवानों   भ्रटाचार    से जूझ   पड़ो   "



सत्यमेव जयते...भारतीय एकता जिंदाबाद