भ्रस्टाचार के आतंक को, आज जड़ से मिटाने की !!
लाल बहादुर बोस तिलक गाँधी ताक पे हैं अब
तुम्हे फिकर है अब भी ,अपने ही आबदाने की !!
खून तुम्हारा नहीं खौलता देख खौफ का मंज़र
इंतज़ार है क्या अब ,खुद का ज़नाज़ा सजाने की !!
कुर्बानी देकर बिस्मिल ने आज़ादी तुमको दिलवाई
रईसी में तुम्हे मगर ,है तलाश महफूज़ ठिकाने की !!
दुश्मन सीमा पर गोले बरसाते ,यहाँ तुम बिक जाते हो
कब सोचेगे ए काफिर तुम ,शहीदों का क़र्ज़ चुकाने की !!
खूब जिया है अपने खातिर ,इस देश की माटी पर
आओ करो उद्घोष सभी ,हिन्दुस्तां को स्वर्ग बनाने की !!