Sunday, June 5, 2011

आओ करो उद्घोष सभी !!



 नौजवानों हिन्दुस्तां  के , ले लो प्रण देश बचाने की 
भ्रस्टाचार के आतंक को, आज जड़ से मिटाने की !!

लाल बहादुर बोस तिलक गाँधी ताक पे हैं अब 
तुम्हे फिकर है अब भी ,अपने ही आबदाने की !!

खून तुम्हारा नहीं खौलता देख खौफ का मंज़र 
इंतज़ार है क्या अब ,खुद का ज़नाज़ा  सजाने की !!

कुर्बानी देकर बिस्मिल ने आज़ादी तुमको दिलवाई  
रईसी में तुम्हे मगर ,है तलाश  महफूज़ ठिकाने की  !!

दुश्मन सीमा पर गोले बरसाते ,यहाँ तुम बिक जाते हो 
कब सोचेगे ए काफिर तुम ,शहीदों का क़र्ज़ चुकाने की !!

खूब जिया है अपने खातिर ,इस देश की माटी पर 
आओ करो उद्घोष सभी ,हिन्दुस्तां को स्वर्ग बनाने की !!

10 comments:

  1. नीलांश जी ,
    बहुत ही ओजमयी रचना। बहुत सुखद लगी। देशभक्तों की कलम से ऐसी ही रचनाएँ निकलती हैं।

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  2. इस देश प्रेम से ओतप्रोत रचना के लिए आपकी जितनी प्रशंशा की जाए कम है...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  3. BAHUT BEHTAREEN ...AUJ SE BHARPOOR...


    HINDUSTAAN KO SWARG BANAANE KI KALPNAA SAARTHAK LAGEE....

    BADHAAI...

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  4. खून तुम्हारा नहीं खौलता देख खौफ का मंज़र
    इंतज़ार है क्या अब ,खुद का ज़नाज़ा सजाने की !!

    कुर्बानी देकर बिस्मिल ने आज़ादी तुमको दिलवाई
    रईसी में तुम्हे मगर ,है तलाश महफूज़ ठिकाने की !!


    रक्त में उबाल लाने में सक्षम ओज भरी रचना....आभार.

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  5. bahut prenaprad Neelansh ji rachna prastut ki hai aapne .aabhar

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  6. बहुत सुंदर ओजपूर्ण पंक्तियाँ....

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  7. जोश पैदा करने वाली हाकिमों को ललकारती रचना .

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  8. आपका ब्लॉग पर आकार मेरे मित्र सवाई सिंह को जन्मदिन पर शुभकामनाएं और बधाई दी उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे! ....बहुत -बहुत धन्यवाद् .

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  9. सुन्दर रचना पढ़वाने के लिए आभार!

    कृपया अपने ब्लॉग पर से वर्ड वैरिफ़िकेशन हटा देवे इससे टिप्पणी करने में दिक्कत और परेशानी होती है।

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